बदायूं के एसएसपी कार्यालय परिसर में बुधवार को ई-रिक्शा चालक गुलफाम द्वारा आत्मदाह के प्रयास के बाद सदर कोतवाल राकेश सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले तीन अन्य पुलिसकर्मियों – गणना मुंशी सोनू कुमार, दक्ष चौधरी और अर्जुन सिंह को ड्यूटी में लापरवाही के कारण निलंबित किया गया था।
गुलफाम, निवासी नई सराय, ने दोपहर के समय एसएसपी कार्यालय में कैरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली। गंभीर रूप से झुलसे गुलफाम को बरेली के एक निजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है
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पुलिसकर्मियों की ड्यूटी न लगने से बढ़ी चूक
एसएसपी कार्यालय में रोजाना अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती है, लेकिन घटना वाले दिन ड्यूटी नहीं लगाई गई थी। इस लापरवाही के चलते तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। जांच में सामने आया कि गुलफाम का अपनी ससुराल वालों के साथ कई दिनों से विवाद चल रहा था।
पत्नी घरेलू विवाद बना आत्मदाह की वजह
गुलफाम की पत्नी सनोवर दो साल से मायके में रह रही थी और वापस नहीं लौटी थी। गुलफाम ने ससुराल जाकर पत्नी को वापस लाने की कोशिश की थी, लेकिन ससुरालियों ने उनकी पिटाई की। गुलफाम ने इस मामले में कई प्राथमिकी दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
विधायक पर लगाए गंभीर आरोप
गुलफाम ने आत्मदाह के प्रयास से पहले विधायक महेश चंद्र गुप्ता और अन्य पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाए कि उन्होंने उसकी शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय उसे ही धमकाया। हालांकि, विधायक ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
सात महीने पहले भी कर चुका है आत्मदाह का प्रयास
यह पहली बार नहीं था जब गुलफाम ने आत्मदाह की कोशिश की। सात महीने पहले भी उसने एसएसपी कार्यालय में आत्मदाह का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने समय रहते उसे रोक लिया था।पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।आखिरकार गुलफाम ने जिनपर आरौप लगाया है उनपर कोई जाँच हो रही है यह समय ही बतायेगा |