उझानी। प्रशासन की अनदेखी और व्यापारियों की हठधर्मिता के कारण नगर में अतिक्रमण की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। मुख्य बाजार, चौक-चौराहों, बस स्टैंड, रेलवे रोड और प्रमुख व्यावसायिक इलाकों में दुकानदारों ने सड़कों तक कब्जा जमा लिया है।
संकुचित हो रहे बाजार, यातायात प्रभावित
नगर के बाजार पहले से ही तंग गलियों वाले हैं, लेकिन अतिक्रमण के कारण मार्ग की चौड़ाई लगातार घट रही है। व्यापारियों द्वारा दुकान का सामान फुटपाथ और सड़क तक फैलाने, लकड़ी की बेंच लगाने और अवैध वाहन पार्किंग के चलते राहगीरों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। कुछ स्थानों पर तो सरकारी नालियों को भी ढक दिया गया है, जिससे जलभराव की समस्या भी बढ़ गई है।
प्रशासन की ढिलाई से समस्या बनी जटिल
नगर पालिका व प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाते हैं, लेकिन यह प्रभावी नहीं हो पाता। टीमों के जाते ही दुकानदार फिर से सड़क घेर लेते हैं। व्यापार मंडल भी इस समस्या पर चुप्पी साधे हुए है, जिससे अतिक्रमणकारियों के हौसले और बढ़ते जा रहे हैं।
नगर पालिका का क्या कहना है?
इस संबंध में नगर पालिका परिषद के सफाई एवं खाद्य निरीक्षक हरीश कुमार त्यागी ने कहा, “हम अतिक्रमण हटाने के लिए समय-समय पर अभियान चलाते हैं और व्यापारियों से सहयोग की अपील भी करते हैं। जल्द ही उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
स्थायी समाधान की जरूरत
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी और लगातार निगरानी रखनी होगी, तभी अतिक्रमण की समस्या का समाधान संभव है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है।