जनपद बदायूं के बिल्सी तहसील के ग्राम बिलोलिया के 24 वाहिनी बीएसएफ जवान 45 वर्षीय मुनेन्द्र पाल सिंह दो भाइयों में सबसे बड़े थे, उनकी पिता अजयपाल सिंह पुलिस में होमगार्ड थे, करीबन 5 साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। वहीं छोटे भाई करवेंद्र यादव गाँव में ही खेती करते हैं। जबकि मुनेन्द्र अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ मोहल्ला अहीरटोला में रहते थे। बीएसएफ मुख्यालय आरकेपुरम दिल्ली में तैनात मुनेन्द्र पाल सिंह छुट्टी लेकर बुलंदशहर में एक परिचित की शादी में शामिल होने गए थे, इसके बाद 6 फरवरी रविवार की रात अपने घर आ रहे थे इसी दौरान उनकी कार पीछे से ट्रक में जा घुसी। जिसमे वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
हादसे के बाद उन्हें बरेली के सिद्दी विनायक अस्पताल ले जा गया। लेकिन शनिवार को उनकी हालत बिगड़ गयी जिसके बाद परिजन उन्हें गाजियाबाद के मैक्स अस्पताल ले गए। लेकिन सोमवार रात करीबन 2 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। जैसे ही उसका शव गांव में पहुंचा तो शोक की लहर दौड़ गई। बेटे का शव देखकर माँ कृष्णा देवीफफक कर रो पड़ीं। भाई करवेंद्र यादव को भी बिलख पड़े।
जवान को अंतिम सलामी देने के लिए गाजियाबाद बीएसएफ से एसआई विक्रम नियोग, हवलदार लोकेन्द्र सिंह फौजदार, कोंस्तेबल शिवनन्दन, अजीत कुमार, मनीकडन, सचिन कुमार, रवि कुमार, राजीव माडक, आश्विन टोपे, कालू कुमार, प्रवीन कुमार सोमवार रात ही पहुँच गए थे। मंगलवार सुबह रिसौली चौकी इंचार्ज इंद्रदेव सिंह, हेड कांस्टेबल रोहिताश सिंह भी गाँव पहुँचे।
गाँव के बाहर ही खेत में मुनेन्द्र पाल सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर किया गया। जवान को बेटे सुधीर ने मुखाग्नि दी। बीएसएफ के जवानों ने हथियार उल्टे कर मातमी धुन बजाते हुए हवा में गोलियां दागकर जवान को सलामी दी। इससे पहले ग्रामीणों व सेना के जवानों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी