बदायूँ: । बरसात शुरू हो चुकी हैं, बाढ़ के दिनों में गंगा किनारे गुजर-बसर करने वाले लोगों का वहां जीवन यापन करना किसी चुनौती से कम नहीं। गंगा का पानी गांवों तक पहुँच जाता है और बाढ़ आ जाती है। बाढ़ चैकियां सक्रिय हो गई है, बाढ शरणालय तैयार हैं, अधिशासी अभियंता बाढ़ को आवश्यक निर्देश दिए गए। डीएम ने बाढ़ खण्ड के अधिकारियों को तेजी लाकर कार्य जल्द पूर्ण कराने के निर्देश देते हुए कहा कि तीव्र गति से कटान रोकने का कार्य कराया जाए, लापरवाही को किसी भी दशा में क्षम्य नहीं किया जाएगा।
सोमवार को प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नरेन्द्र बहादुर सिंह, उप जिलाधिकारी सहसवान ज्योति शर्मा, अधिशासी अभियन्ता बाढ़ खण्ड उमेश चन्द व अन्य सम्बंधित अधिकारियों के साथ विकासखण्ड सहसवान के अन्तर्गत बाढ़ प्रभावित ग्राम धापड, परशुराम नंगला, खागी नगला एवं भरौलिया का निरीक्षण लिया। उन्होंने नांव में बैठकर बाढ़ की स्थिति का जायजा भी लिया। यहां चल रहे सुरक्षा कार्य का जायजा लेते हुए कहा कि गंगा नदी किनारे बसे गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभारी डीएम ने निर्देश दिए कि बाढ़ खण्ड विभाग कटान रोकने एवं बचाव के कार्य में गति लाए, जिससे नुकसान न होने पाए। उन्होंने कहा कि बरसात शुरू हो चुकी हैं और गंगा किनारे बसे लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उनके घर बाढ़ में डूब गए हैं। इन सभी को सुरक्षित स्थान पर पहंुचाया जाए एवं खाने के लिए खाद्यान की पर्याप्त व्यवस्था रहे। मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुनकर सम्बंधित अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना चाहिए। ऐसी संवेदनशील स्थिति में जिला प्रशासन उनके साथ है। किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर सम्बंधित अधिकारियों को अवगत कराएं, उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। डीएम ने उपजिलाधिकारी को निर्देश दिए कि ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकों सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं। स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर सांप काटने सहित अन्य आवश्यक दवाएं अवश्य रखी जाए, जिससे आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्रयोग में लाया जा सके।