एक तरफ प्रदेश सरकार गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सेवावाएँ मुहिया कराने के लिए तमाम कार्यक्रम चलाकर निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रही है और सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद सेहत महकमे में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी मजबूत हो चुकी है कि डॉक्टर व स्टाफ मरीजों को लूटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
ऐसा ही मामला जनपद बदायूं में जिला चिकित्सालय मैं नेत्र विभाग का सामने आया है । आज हम वह हकीकत मरीजों से सुनवायेगे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे !
मरीजों को सरकार द्वारा निशुल्क दवा एवं निशुल्क चश्मा व आपरेशन आदि सभी की निशुल्क व्यस्था है। शासन व प्रशासन का यह भी आदेश है कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाए लेकिन सरकार के आदेशों का कोई भी पालन नहीं हो रहा है !
जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में सभी उल्टा है ! हमारी टीम जब सच जानने जिला अस्पताल पहुंची तो मरीजों ने चौकन्ना करने वाले तमाम खुलासे किए ! मरीजों की आंखे टेस्ट कराने के बाद चश्मा बनाने के 300 से ₹500 लिए जाते हैं वहीं आखों के ऑपरेशन के डेढ़ हजार से लेकर 4000 रूपये तक मरीजों से वसूले जाते हैं ! यही नहीं ऑपरेशन के वक्त दवाई भी बाहर से अस्पताल के गेट के समाने मेडिकल स्टोरों से मंगवाई जाती है जिसका मरीजों ने आज खुलासा किया है !
नेत्र चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर कमचारी मनमाने तरीके से से जनता को दोनों तरफ से लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ! योगी सरकार में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी मजबूत हो चुकी हैं कि रिश्वतखोरों को मानो लूटने का सरकारी लाइसेंस मिल गया हो