
उझानी-गुरु का तपोबल कुविचारों और दुर्भावनाओं को दूर कर शिष्य को बनाता है शक्ति संपन्न : रवि
उझानी : नगर के समीपवर्ती गांव तेहरा में मेरे राम सेवा समिति की ओर से चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवें दिन राजा जनक की प्रतिज्ञा, लक्ष्मण का क्रोध, भगवान श्रीराम लक्ष्मण और भगवान परशुराम संवाद, अयोध्या से भगवान श्रीराम की बारात का प्रस्थान, जनकपुरी में बारात का स्वागत, भगवान श्री राम और माता सीता का शुभविवाह, श्रीरामचरित की सुनने और गाने की महिमा आदि की कथा हुई। कथावाचक सामाजिक संत श्री रवि जी समदर्शी महाराज ने कहा कि गुरु का तपोबल शिष्य को शक्ति संपन्न बनाता है। कुविचारों और दुर्भावनाओं को दूर कर आध्यात्मिक चिंतन से सन्मार्ग दिखाता है। गुरु द्वारा प्रदत्त सद्बुद्धि, सद्गुणों को प्राप्त कर साधारण मनुष्य भी देवता बन जाता है और ईश्वर के साक्षात दर्शन कर पाने की शक्ति भी पाता है। पिता की सारी संपत्ति बच्चों के लिए होती है, वैसे ही गुरु द्वारा अर्जित संर्पूण तप और त्याग का फल श्रेष्ठ शिष...