धूप निकलते ही प्लेटफार्म पर हुआ मक्का के जमाखोरों का कब्ज़ा कई दिनों से बेरोकटोक सूख रही मक्का ,रेलवे प्रशासन मौन
उझानी बदायूं-नगर के रेलवे स्टेशन के परिसर का जहाँ एक और आधुनिकरण का कार्य तेजी से चल रहा है और रेलवे स्टेशन को भव्य रूप देते हुए करोडो रुपया खर्च किया जा रहा है बही सरकार के सौंदर्य करण को धता बताते हुए जमाखोर पिछले कई दिनों से कब्ज़ा जमाये बेठे हैऔर रेलवे प्रशासन इस और से आंखे मूंदे बैठा है |
आपको बताते है पिछले लगभग तीन दिन से रेलवे मालगोदाम के प्लेटफार्म पर दर्जनों ट्राली मक्का बेरोकटोक सूख रही है इससे पूर्व मूंगफली की बड़ी खेप भी इसी प्लेटफार्म पर बे रोकटोक सुखाई गयी थी इतनी भारी मात्र में मूंगफली और मक्का के खेप का प्लेटफार्म पर हर रौज आना और इस रेलवे प्रशासन का इस और ध्यान ना देन बाकई चिंता का विषय है जिम्मेदार इस और से आज भी अनभिज्ञ है अब सवाल यह उठता है कि इतनी भारी मात्रा में रेलवे मालगोदाम प्लेटफार्म पर सूख रही मक्का मूंगफली किसके आदेश पर सूख रही है, और किस नियम के तहत जमाखोरों को मक्का सुखाने की छुट दे दी गयी |
स्टेशन अधीक्षक ने रेलवे परिस र में मक्का सुखाने काअधिकार किसी को नहीं -विपिन कुमार
रेलवे स्टेशन अधीक्षक विपिन कुमार से इस बाबत जानकारी ली तो उन्होने दो टूक शब्दों में यह कह कर पल्ला झाड़ लिया की रेलवे परिसर में किसी भी प्रकार के अतिक्रमण की इजाजत किसी को नहीं है |और जब उनसे यह सवाल किया गया की आखिर इतनी भारी मात्रा में सूख रही मक्का किसकी है और इसकी इजाजत किसने दी तो बह बचते नजर आये |
उधर सहायक स्टेशन मास्टर सर्वेश कुमार से जब इस बाबत जानकारी ली तो उन्होने कहा की रेलवे मालगोदाम का प्लेटफार्म है यह मक्का व्यापारियों की है बह सुखा रहे है ,जबकि रेक चाबल की लगी थी ऐसे में मक्का का सूखाना रेलवे प्रशासन पर एक बड़ा सवाल है |